Friday 31 January 2020

जानें, डायबीटीज को कंट्रोल करने के 15 घरेलू उपचार

डायबीटीज ऐसी बीमारी है जिसका अगर सही उपचार या उससे जुड़ी अन्य बातों का ध्यान न रखा जाए तो व्यक्ति के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। हम बता रहे हैं कुछ घरेलू उपचार जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।




डायबीटीज के मरीज आजकल युवा भी हो रहे हैं, जिसकी बड़ी वजह गलत खानपान व लाइफस्टाइल है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को अपना शुगर लेवल लगातार चेक करते रहने के साथ ही उसे कंट्रोल में रखना पड़ता है। इसमें कुछ घरेलू उपचार काफी काम आ सकते हैं।

1. गेहूं के छोटे-छोटे पौधों का रस असाध्य बीमारियों को भी मिटा सकता है। इसके रस को ग्रीन ब्लड के नाम से भी जाना जाता है। गेहूं के जवारे का आधा कप ताजा रस रोज सुबह-शाम पीने से डायबिटीज में लाभ होता है।
2. तुलसी के पत्तों में एन्टीऑक्‍सीडेंट व बाकी जरूरी तत्व मौजूद होते हैं, जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। डायाबीटीज के स्तर को कम करने के लिए रोज दो से तीन तुलसी के पत्ते खाली पेट लें। आप इसका जूस भी ले सकते हैं।

3. ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में 1 ग्राम दालचीनी शामिल करें।

4. गर्म पानी में ग्रीन टी का एक बैग 2-3 मिनट तक डुबोकर रखें। फिर बैग निकाल दें और इस चाय का एक कप सुबह या भोजन के पहले सेवन करें।

5. ड्रमस्टिक (अमलतास) की कुछ पत्तियां धोकर उनका रस निकालें। एक चौथाई कप रस लें तथा ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसे पी लें।

6. डायबीटीज पर कंट्रोल करने के लिए नीम की पत्तियों का रस खाली पेट पीना चाहिए। नीम इन्सुलिन संग्राहक संवेदनशीलता को बढ़ाता है, रक्त वाहिकाओं को प्रसारित करके रक्त परिसंचरण में सुधार लाता है, ब्लड ग्लूकोज़ के लेवल को कम करता है और हाइपोग्लास्मिक औषधियों पर निर्भरता कम करता है।

7. डायबीटीज के मरीजों के लिए सौंफ बहुत फायदेमंद होती है। सौंफ खाने से डायबीटीज नियंत्रण में रहता है। नियमित तौर पर खाने के बाद सौंफ खानी चाहिए।

8. 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर सेवन सरने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए।

9. डायबीटीज के रोगियों को काले नमक के साथ जामुन खाना चाहिए। इससे खून में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है।

10. करेले का रस शुगर की मात्रा कम करता है। डायबीटीज पर नियंत्रण पाने के लिए करेले का रस नियमित तौर पर पीना चाहिए।

11. 6 बेलपत्र , 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत कालीमिर्च पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लेने से डायबीटीज पर कन्ट्रोल किया जा सकता है। ध्यान रहे, इसे पीने के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं।

12. 
टमाटर,खीरा और करेले का मिक्स जूस सुबह-सुबह खाली पेट पीने से भी डायबीटीज में बहुत फायदा होता है।

13. शलजम के प्रयोग से भी ब्लड शुगर कम होती है। इसके अलावा डायबीटीज के मरीज को तरोई, लौकी, परवल, पालक, पपीता आदि का प्रयोग भी ज्यादा करना चाहिए।

14. प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से डायबीटीज को कम किया जा सकता है। अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज डाइबीटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।

15. मेथी के दाने रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में डालकर रख दें। सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पिएं और साथ में मैथी के दाने चबाएं। नियमित तौर पर ऐसा करने से डायबीटीज कन्ट्रोल हो जाएगी

Thursday 30 January 2020

लंबे समय तक सेक्स करने और सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के उपाय - Sex stamina badhane karne ke upay in Hindi

आपकी शारीरिक क्षमता का सीधा संबंध आपकी सेक्सुअल जिंदगी पर पड़ता है। शारीरिक क्षमता से ही आप सेक्स को लंबे समय तक कर पाते हैं। आपकी शारीरिक क्षमता का जो भाग सेक्स में प्रयोग होता है, उसको सेक्सुअल स्टेमिना कहा जाता है। जब आप अपनी शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी करते हैं तो आपके शरीर का स्टेमिना स्वतः ही बेहतर हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति ही सेक्स और सभी कार्य में अपना अच्छा प्रदर्शन कर पाता है। सेक्सुअल जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए स्टेमिना की अहम भूमिका होती है। इसकी उपयोगिता को समझते हुए आज आपको सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने और लंबे समय तक सेक्स करने के उपायों के बारे में बताया जा रहा है।
(और पढ़ें - सेक्स के बारे में जानकारी)

  1. लॉन्ग टाइम तक सेक्स करने के लिए रहें अवसाद और तनाव से दूर - Long time tak sex karne ke liye rahen depression aur stress se dur
  2. सेक्स टाइम बढ़ाने का तरीका है विकारों की पहचान - Sex time badhane ka tarika hai bimari ki pehchan
  3. सेक्स टाइम बढ़ाने के लिए करें एक्सरसाइज - Sex time badhane ke liye kare exercise
  4. लंबे समय तक सेक्स के लिए खाएं स्वस्थ आहार - Lambe samay tak sex ke liye khaye healthy food
  5. सेक्स अवधि बढ़ाने के लिए करें अपने व्यवहार पर विचार - Sex avadhi badhane ke liye karen behavioral therapy
  6. सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के लिए जरूरी है साथी का सहयोग - Sex stamina Increase karne ke liye jaruri hai partner ka sahyog
  7. सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने का तरीका है दवाइयां - Sexual stamina badhane ka tarika hai medicines
  8. लंबे समय तक सेक्स करने का तरीका है सोच में बदलाव - Lambe samay tak sex karne ka tarika hai soch me badlav
  9. सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के अन्य उपाय - Sex time increase karne ke aya upay
  10. लंबे समय तक सेक्स करने और सेक्स स्टैमिना बढ़ाने के उपाय के डॉक्टर
  11. ये 5 फूड्स दिलाते हैं सेक्स के समय वियाग्रा जैसा जोश 


तनाव व अवसाद के कारण होने वाली नपुंसकता या स्तंभन दोष की बीमारी पुरुषों की सेक्सुअल जिंदगी को खराब कर सकती है। कई बार आपके स्वस्थ होने के बावजूद भी अवसाद व तनाव आपकी सेक्सुअल गतिविधियों पर बुरा प्रभाव डालते हैं। दरअसल तनाव होने से आपके शरीर में शिथिलता आती है और आपका स्टेमिना बेहद कम हो जाता है। अगर आप तनाव, अवसाद व किसी तरह की मानसिक समस्याओं से ग्रसित हैं, तो आपको सबसे पहले इनको दूर करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
(और पढ़ें - शादी से पहले सेक्स)

स्वस्थ पुरुषों में भी यौन विकार हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सेक्स क्रिया में शामिल होने वाले पुरूष हर बार बेहतर लिंग उत्तेजना को ही चाहते हैं। लेकिन ऐसा सभी पुरुषों के साथ होना संभव नहीं है, कई बार पुरुष सेक्स में सक्रियता नहीं दिखा पाते हैं।  घबराहट और तनाव के कारण यह समस्या हर बार होने लगती है। वहीं आपको यह भी बता दें कि कई पुरुषों को यौन रोग हो सकते हैं। वहीं कई मामलों में सेक्स में सक्रिय न होने पर विशेषज्ञ वियाग्रा लेने की सलाह देते हैं, इससे कुछ पुरुषों के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है। अगर आपको सेक्स करने में कोई परेशानी हो तो आपको तुरंत इस रोग की पहचान कर, इलाज शुरु कर देना चाहिए।
(और पढ़ें - पेनिस बड़ा करने का तरीका)

व्यायाम करने के कई फायदे होते हैं। इससे न सिर्फ हमारी मांसपेशियां सक्रिय होती हैं, बल्कि नियमित व्यायाम करने से यौन क्रियाओं के दोष भी दूर हो जाते हैं। नीचे उन व्यायाम के बारे में बताया जा रहा है जिनको करने से आप अपने सेक्सुअल स्टेमिना को बेहतर बना सकते हैं। (और पढ़ें - सेक्स पावर कैसे बढ़ाएं और सेक्स करने के तरीके)
  1. स्विमिंग करना-
    कई शोध में इस बात का पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से स्विमिंग यानि तैराकी करते हैं उनकी सेक्सुअल जिंदगी में यौन संबंधी परेशानियां कम आती है। 60 वर्ष से अधिक आयु होने पर भी तैराकी करने वालो का सेक्सुअल स्टेमिना किसी युवा की तरह ही बना रहता है। तैराकी को नियमित करने से शरीर का लचीलापन बना रहता है और सभी मांसपेशियों का संचालन ठीक तरह से होता है, जिससे आपके स्टेमिना में बढ़ोतरी होती है। और पढ़ें - स्विमिंग करते समय बालों और त्वचा का बचाव कैसे करें)
  2. कार्डियो एक्सरसाइज-
    कार्डियो एक्सरसाइज को करने से आपका हृदय सही तरीके से काम करता है। कार्डियो एक्सरसाइज में आप साइकिलिंग व तेजी से चलने वाली क्रिया को शामिल कर सकते हैं। दरअसल दिल की गति को तेज करने वाली एक्सरसाइज इसमें शामिल की जाती है। यह एक्सरसाइज महिला व पुरुष दोनों के सेक्सुअल स्टेमिना के लिए फायदेमंद होती है।  (और पढ़ें - अच्छे सेक्स के लिए व्यायाम)
  3. मेढ़क मुद्रा (Frog pose)-
    सेक्सुअल स्टेमिना को बढ़ाने के लिए आप एक्सरसाइज में मेढ़क पोज (Frog pose) को करने की आदत बना लें। इससे आपके कमर के निचले हिस्सों में सक्रियता आती है। यह व्यायाम आपको तनाव से भी दूर रखने का काम करता है। (और पढ़ें - तनाव कम करने के उपाय)
  4. कीगल एक्सरसाइज-
    कीगल पोज (Kegel pose) करने से मूत्राशय से संबंधित समस्याएं ठीक हो जाती है। इतना ही नहीं यह आपके पीठ के निचले हिस्से को भी मजबूती प्रदान करती है। महिलाएं इसको नियमित करने सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म के स्तर पर आसानी से पहुंच जाती है। जबकि इसको करने से पुरुषों में भी शीघ्रपतन की समस्या आसानी से ठीक हो जाती है। 
(और पढ़ें - सेक्स के लिए योग)

स्वस्थ दिनचर्या के साथ ही आप अपने आहार में बदलाव करके सेक्सुअल स्टेमिना को आसानी से बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना होगा जो आपके यौन स्वास्थ को दुरुस्त करें, तो आइये जानते हैं उन खाद्य पदार्थों के बारे में जिनके सेवन से आप अपनी सेक्सुअल जिंदगी का आनंद उठा पाएंगे।



(और पढ़ें - पहली बार सेक्स और सेक्स पोजीशन)
  1. तरबूजतरबूज में एल-सीट्रूलाइन व एमिनो एसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे पुरुषों के लिंग में उत्तेजना लंबे समय तक बनी रहती है। इसके सेवन के पश्चात एल-सीट्रूलाइन शरीर में एल-आर्जिनाइन में परिवर्तित हो जाता है। इससे रक्त संचार में वृद्धि होती है। रक्त संचार में वृद्धि होने से उत्तेजना संबंधी विकार भी दूर हो जाते हैं। (और पढ़ें - तरबूज के जूस के फायदे)
  2. अदरकअदरक का नियमित सेवन करने से रक्त संचार में वृद्धि होती है। इसके साथ ही साथ यह आपको कई तरह के रोगों से दूर रखता है। अदरक के सेवन से तंत्रिका तंत्र सुचारू रूप से काम करता है। इससे यौन स्वास्थ बेहतर बनता है। (और पढ़ें - अदरक की चाय के फायदे)
  3. खजूर – सदियों से खजूर को यौन शक्ति को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता है। इसमें ऐसे गुण मौजूद होते हैं, जिससे यौन विकार आसानी से दूर हो जाते हैं। इसको आप दूध के साथ भी खा सकते हैं। कुछ दिनों तक इसके सेवन से आपके सेक्सुअल स्टेमिना में बढ़ोतरी हो जाएगी। (और पढ़ें - वर्जिनिटी टेस्ट)
  4. कद्दू के बीज – पुरुषों के यौन रोगों को दूर करने के लिए कद्दू के बीजों का सेवन किया जा सकता है। इसमें जिंक और मैग्नीशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाता है, जो आपके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं। मैग्नीशियम नसों में आने वाले सूजन कम कर रक्त संचार को बेहतर करता है। इसके साथ ही साथ इसके सेवन से हार्मोन व यौन ग्रंथियों के कार्यों में भी मदद मिलती है। (और पढ़ें - बीज और सूखे मेवे के फायदे)
(और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के घरेलू उपाय)


व्यवहार पर विचार करने के लिए आपको शीघ्र स्खलन की समस्या पर ध्यान देना होगा। इसके लिए कुछ विशेषज्ञ स्लखन को रोकने की विधि को अपनाने पर जोर देते हैं। इस विधि में पुरुष स्खलन से पूर्व ही अपने लिंग के शिखर के ठीक नीचे के भाग को पकड़कर रक्त पीछे की ओर धकलेते हैं। इससे स्खलन नहीं होता। वहीं कुछ लोगों के लिए सेक्स के दौरान थोड़े समय के लिए रूक जाना भी पहले की विधि से अधिक काम करता है। एक बार ऑर्गेज्म की उत्तेजना कम हो जाए तो आप फिर से सेक्स क्रिया को शुरु कर सकते हैं।
(और पढ़ें - शीघ्र स्खलन रोकने का तरीका)

स्टेमिना की समस्या पर ध्यान देने के साथ पुरुषों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका साथी ही इस समस्या को ठीक करने का उपाय है। विशेषज्ञ कहते हैं कई बार पुरुष अपनी संतुष्टि के बारे में अपने साथी से बात नहीं करते हैं। कुछ पुरुष इस चिंता में रहते हैं कि वे अपने साथी की उम्मीदों को पूरा नहीं कर पा रहें हैं, लेकिन आप अपने पार्टनर से इस बारे में बात करके भी इस समस्या का हल खोज सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक सेक्स नहीं कर पा रहें हैं तो साथी से बात करें, कई मामलों में महिला को लंबे समय तक सेक्स करना पसंद ही नहीं होता है।
(और पढ़ें- चिंता को दूर करने के उपाय)

पुरुषों में स्तंभन दोष शीघ्रपतन से ही स्टेमिना की समस्याएं शुरू हो जाती है। लेकिन इन परेशानियों को दवाइयों और इलाज से दूर किया जा सकता है। इन समस्याओं के लिए दवाओं के प्रयोग के अलावा इंजेक्शन थेरेपी को अपनाया जा सकता है। शीघ्रपतन की कई तरह की समस्याओं को व्यवहार व मानसिक सोच को बदलने से भी ठीक किया जा सकता है। दवाइयों के इस्तेमाल से स्तंभन दोष को प्रभावी रूप से सही किया जा सकता है और पुरुष इससे अपने स्टेमिना में बढ़ोतरी कर सकते हैं। स्टेमिना बढ़ने से पुरुष लंबे समय तक सेक्स करने में सक्षम हो पाते हैं।
(और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स कैसे करें)


जो लोग सेक्स करने के समय को बढ़ाना चाहते हैं, उनको अपनी सोच में बदलाव लाना चाहिए। शीघ्रपतन व स्तंभन दोष के चलते वह सेक्स नहीं कर पाएंगे, यह सोच बेहद ही गलत है। मानव के शरीर के कई अंगों का इस्तेमाल सेक्स की गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। सेक्स करने के कई तरीके होते हैं। कोई एक तरीका काम न आएं तो इसका यह अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि दूसरा तरीका भी काम नहीं आएगा। सेक्स के लिए अपनाए जाने वाले पुराने तरीको में बदलाव करके भी आप सेक्स करने के समय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। 
(और पढ़ें - कामेच्छा बढ़ाने के तरीके

लंबे समय तक सेक्स करने के लिए स्वस्थ दिनचर्या के अलावा आप कई अन्य तरह के उपाय अपना सकते हैं। आइये नीचे इन उपायों के बारे में जानते हैं।
(और पढ़ें - मर्दाना ताकत बढ़ाने के उपाय)
  • फोरप्ले-
    सेक्स करते समय साथी के साथ फोरप्ले में समय बिताए बिना ही सेक्स करना सही नहीं माना जाता है। इससे न सिर्फ साथी को परेशानी होती है, बल्कि आपका सेक्सुअल स्टेमिना भी कम हो जाता है। इसलिए जब भी सेक्स करें तो फोरप्ले जरूर करें। साथी को किस करना व उनको सेक्स के लिए तैयार करने से भी आप अपने सेक्स करने के समय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। (और पढ़ें - महिलाओं की यौन समस्याएं)
  • सेक्स क्रिया को बार-बार दोहराएं-
    जब आप बार-बार सेक्स करते हैं तो आपको इसे करने का सही तरीका पता चल जाएगा। ऐसे में कुछ समय बाद आप देखेंगे कि आपके द्वारा सेक्स करने के समय में अपने आप ही बढ़ोतरी हो गई है। (और पढ़ें - सेक्स पोजीशन)
  • अपनी पेल्विक मांसपेशियों को स्वस्थ रखें-
    पेल्विक मांसपेशियां ही आपकी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बनाती हैं। पेल्विक मांसपेशिया आपके पेट के नीचे होती हैं, जिसका सीधा संबंध जननंगों के रक्त प्रवाह से होता है। इन मांसपेशियों में मजबूती लाने के लिए आपको व्यायाम आदि करने होंगे। जिसमें आपको कीगल एक्सरसाइज, बेंच प्रेस व बॉडीवेट स्कवॉट एक्सरसाइज को करना होगा। इन सभी से आपके सेक्स करने का समय बढ़ जाएगा। (और पढ़ें - गर्भावस्था में सेक्स)
  • हमेशा सक्रिय रहें-
    आलस कई रोगों को हमारे शरीर में पैदा कर देता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी सेक्स लाइफ बेहतर हो और आपके सेक्स करने के समय में इजाफा हो तो आपको आलस को छोड़कर सभी कार्य को करने में सक्रियता बरतनी होगी। हल्की एक्सरसाइज आपके शरीर को स्वस्थ रखती है और आपके रक्त प्रवाह को भी ठीक रखती है। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)
  • शराब का सेवन कम करें-
    अगर आप सोचते हैं कि शराब आपके सेक्स के लिए बेहतर है तो आप गलत सोचते हैं, क्योंकि शराब आपको आलसी बनाती है। इसके सेवन से पुरुषों में स्तंभन दोष व शीघ्रपतन की समस्या होने लगती है। इसलिए आप शराब पीने से दूरी बनाएं।
    (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन-
    जब भी आप खाना खाएं इस बात का ध्यान रखें कि आपके आहार में प्रोटीन की मात्रा अधिक हो। प्रोटीन में अमीनो एसिड पाया जाता है जो हमारे शरीर को सक्रिय रखने का काम करता है। अंडे का सफेद भाग, कम वसा वाला दूध चिकन में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इसके नियमित सेवन से आपका स्टेमिना बढ़ता है। (और पढ़ें - यौन शक्ति को बढ़ाने वाले आहार)
  • अपने वजन को नियंत्रण में रखें-
    वजन को नियंत्रण में रखकर भी आप अपने सेक्स के समय को बढ़ा सकते हैं। सही खानपान से आपका स्टेमिना बना रहता है। इसके लिए आपको कम वसा वाले आहार खाने होंगे, साथ ही आप सब्जियों और फलों का सेवन खूब करें। इस तरह से आप स्वस्थ रहेंगे और अपने शारीरिक स्टेमिना को ठीक रख पाएंगे। 

(और पढ़ें - वजन घटाने का नुस्खा)

सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) सेक्स के सभी पहलुओं के बारे में बताती है। इसमें सेक्स से जुड़ी भावनाएं, जिम्मेदारियां, मनुष्य के शरीर की रचना, यौन क्रियाकलाप, प्रजननता, इसके लिए सही उम्र, प्रजनन के अधिकार, सुरक्षित सेक्स, जन्म नियंत्रण व सेक्स में संयम जैसे विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है।
इस तरह की शिक्षा के लिए स्कूल, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम व परिवार के अभिभावकों द्वारा कई कार्य किये जाते हैं। पहले इस विषय पर किशोरों को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जाती थी। समाज में इन विषयों पर बात करना भी गलत माना जाता था। थोड़ी बहुत जितनी भी जानकारी दी जाती थी, वो भी घर के लोगों द्वारा ही दी जाती थी और इसको भी शादी से पहले बंद कर दिया जाता था। लेकिन 19वीं शताब्दी में इस तरह की शिक्षा के लिए अंदोलन चलाया गया। इसके बाद से ही सेक्स के विषय में पूरी जानकारी बच्चों और युवाओं को दी जानें लगी।
सेक्स एजुकेशन में महिलाओं व पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के साथ ही गर्भावस्था व बचाव के बारे में विस्तार से बताया जाता है। इससे युवाओं को यौन संबंधों से होने वाली बीमारियों संक्रमण, जैसे एचआईवी, एसटीडी आदि के प्रति जागरूक किया जाता है और इन बीमारियों से युवा वर्ग को बचाने के लिए तरीके भी समझाए जाते हैं। इसलिए सेक्स एजुकेशन हर बच्चे व किशोर को घर या स्कूल में जरूर दी जानी चाहिए।
निम्नलिखित विषयों को सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) में शामिल किया जाता है।
  1. महिलाओं के यौन स्वास्थ्य के बारे जानकारी - Women's Sexual Health in Hindi
  2. पुरुषों के यौन स्वास्थ्य की शिक्षा - Men's sexual health in Hindi
  3. यौन क्रियाएं व लैंगिकता की शिक्षा - Sexual acts and sexuality in Hindi
  4. सामाजिक सेक्स एजुकेशन - Samajik sex education in hindi
  5. भारत में सेक्स एजुकेशन - Sex education in India in Hindi
  6. सेक्स एजुकेशन में परिवार का रोल - Family Role in Sex Education in Hindi

महिलाओं के यौन स्वास्थ्य के बारे जानकारी - Women's Sexual Health in Hindi

महिलाओं के यौन अंगों की जानकारी निचे दी गई है:
  1. स्तन:
    स्तन महिलाओं की छाती का हिस्सा होता है। इसमें वसा युक्त ऊतक, कई तंत्रिकाएं (नसे) व निप्पल होते हैं। किशोरावस्था के साथ ही महिलाओं के इस जगह स्थित ऊतकों में भी बढ़ोतरी होती है और यह स्तनपान की क्षमता को भी विकसित करते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों के सीने के ऊतक अधिक विकसित नहीं होते हैं, इसलिए पुरुष के इस जगह को छाती कहा जाता है। (और पढ़ें - ब्रेस्ट में दर्द के उपाय)
     
  2. योनि:
    योनि महिलाओं के जननांग का वह भीतरी भाग होता है जो योनिमुख व गर्भाशय से जुड़ा हुआ होता है। इसी जगह संभोग किया जाता है। मासिक धर्म व बच्चा भी जन्म के समय इसी जगह से बाहर निकलता है। (और पढ़ें - योनि में सूजन का कारण)
     
  3. योनिमुख (Vulva/ वुल्वा):
    महिला का बाह्य यौन अंग को योनिमुख कहा जाता है। इसमें भगशेफ (Clitoris/क्लिटोरिस) को भी शामिल किया जाता है। यह जननांग पर होठों की तरह होता है, इससे बार्थोलिन ग्रंथि जुड़ी होती है। यह ग्रंथि योनि को चिकना बनाये रखती है। (और पढ़ें - योनि के दर्द का इलाज)
     
  4. गर्भाशय:
    इस स्थान को गर्भाशय के नाम से जाना जाता है। यह नाशपाति व बंद मुट्ठी के आकार का अंग महिलाओं के पेट के नीचले हिस्से पर होता है। गर्भाशय नीचे की ओर से योनि व ऊपरी ओर से फैलोपियन ट्यूब्स (अंडाशय से गर्भाशय तक अंडे ले जाने वाली नली) से जुड़ा होता है। इस जगह पर निषेचित (Fertilized) अंडे का विकास होता है।  मासिक धर्म चक्र के साथ-साथ हर माह गर्भाशय की परत का निर्माण भी होता रहता है। (और पढ़ें - गर्भाशय कैंसर का इलाज)
     
  5. हाइमन (Hymen):
    यह योनि के अंदर ऊतकों की पतली सी झिल्ली होती है। यह झिल्ली महिलाओं के योनि मुख के मार्ग को संकरा कर देती है। कई बार योग या यौन संबंध बनाने पर यह झिल्ली टूट जाती है। (और पढ़ें - टैम्पोन क्या है) 
महिलाओं को होने वाली कुछ यौन समस्याएं इस प्रकार हैं:
  1. सर्वाइकल कैंसर: 
    गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में होने वाला कैंसर या सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और यह पैप टेस्ट कराने के बाद ही पता चलता है। ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) की रोकथाम के लिए दवा लेने से यह काफी हद तक कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - वैजाइना में सूखापन के कारण)
     
  2. ब्रेस्ट कैंसर:
    इसमें ट्यूमर महिलाओं के स्तन के ऊतकों को प्रभावित करता है। यह कई तरह से घातक हो सकता है, लेकिन समय-समय पर खुद ही इसकी जांच करने पर इसको प्रथम चरण में ही पहचाना जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही यह कैंसर हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसके होने की संभावनाएं कहीं अधिक होती है। माना जाता है कि हर 8 में से 1 महिला को ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावनाएं होती है। (और पढ़ें - स्तन कैंसर की सर्जरी)
महिलाओं के यौन स्वास्थ्य की देखभाल से जुड़ी कुछ चिकित्स्कीय क्रियाएं और परिक्षण निचे बताए गए हैं:
  1. डूशिंग (Douching):
    डूशिंग यानी योनि व गुदा (एनल) को धोना। आपको किसी बाहरी उत्पादनों से योनि को धोने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। यह तरीका यौन संचारित संक्रमण का कारण बनता है और यह प्रेग्नेंसी में भी सुरक्षित नहीं होता है। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी के लक्षण)
     
  2. पैप स्मीयर (Pap smear):
    इसको पैप टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) से कुछ कोशिकाओं को लिया जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर व ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) का पता लगाया जाता है। यह टेस्ट महिलाओं के पेल्विक जांच का ही एक हिस्सा है। (और पढ़ें - योनि का कैंसर)
     
  3. मैमोग्राम (Mammogram):
    स्तन कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राम एक जांच प्रक्रिया होती है। इसमें महिलाओं के स्तन का एक्स-रे किया जाता है। जिसमें स्तन पर होने वाली असामान्यताओं व किसी गांठ का पता लगाया जा सकता है। इसके साथ ही इससे स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) की भी पहचान की जा सकती है। (और पढ़ें - स्तन संक्रमण)

पुरुषों के यौन स्वास्थ्य की शिक्षा - Men's sexual health in Hindi

पुरुषों के यौन अंग, उनसे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शब्द और यौन अंगों से जुड़ी कुछ बीमारियां निचे दी गई हैं:
  1. लिंग (Penis):
    पुरुष के प्रजनन अंग को लिंग कहते हैं, जो तीन मुलायम ऊतकों से मिलकर बनाता है। यह मुलायम ऊतक उत्तेजना के दौरान रक्त से भर जाते हैं। यह ऊतक ही लिंग में उत्तेजना करते हैं। लिंग से मूत्र व वीर्य संबंधी तरल पदार्थ निकलता है। (और पढ़ें - पेनिस में दर्द का इलाज)
     
  2. खतना:
    इसमें पुरुषों के लिंग की ऊपरी त्वचा को आंशिक या पूरी तरह से हटा दिया जाता है। कुछ संप्रदायों में यह प्रथा निभाई जाती है। महिला में इस प्रथा के तहत उनके जननांग के बाहरी भाग यानि क्लिटोरल के ऊपरी हिस्से को हटाया जाता है। इसको कर्तन के नाम से भी जाना जाता है। (और पढ़ें - पेनिस में सूजन का इलाज)
     
  3. पुरुष जननांग में उत्तेजना:
    पुरुषों में यौन क्रिया से पूर्व लिंग जब रक्त से भर जाता है, तो इससे जननांग में उत्तेजना आ जाती है और वह सामान्य स्थिति से बड़ा हो जाता है। इसको ही पुरुष जननांग में उत्तेजना कहा जाता है। (और पढ़ें - नपुंसकता का इलाज)
     
  4. स्खलन
    यौन क्रिया के चरम आनंद पर पुरुषों के लिंग से निकलने वाले वीर्य की प्रक्रिया को स्खलन कहते हैं। वहीं महिलाओं में चरम आनंद की स्थिति में योनि से तरल पदार्थ स्खलित होता है। (और पढ़ें - शीघ्र स्खलन का इलाज) 
     
  5. वीर्य:
    यह पुरुष जननांग से निकलने वाला सफेद रंग का तरल पदार्थ होता है। इसमें शुक्राणु और तरल शामिल होता है। यह पदार्थ प्रोस्टेट ग्रंथि से निकलता है। जननांग (लिंग) में उत्तेजना की चरम अवस्था पर पहुंचने के बाद ही यह पदार्थ बाहर आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अलग-अलग पुरुषों में स्खलन के समय वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या 20 करोड़ से 50 करोड़ तक होती है। (और पढ़ें - शुक्राणुओं को बढ़ाने के तरीके) 
     
  6. अंडकोष (वृषण):
    अंडकोष पुरुष जननांग का ही एक हिस्सा है, जो लिंग के नीचे दो गेंद के आकार की स्थिति में होते है। यह अंडकोष एक अंडकोषीय थैली के अंदर होते है, जो नर हार्मोन्स को बनाते है। प्रत्येक अंडकोष कई तरह के हिस्सों से मिलकर बनते हैं। इसमें छोटे-छोटे धागों की तरह कई नसें होती है, जो शुक्राणुओं का निर्माण करती है। यह छूने में बेहद ही संवेदनशील होते है। (और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के घरेलू उपाय)  
  7. अंडकोष (वृषण) कैंसर
    अंडकोष में होने वाले कैंसर को वृषण कैंसर कहते है। कैंसर के इस प्रकार का इलाज हो सकता है और भारत में वृषण या अंडकोष का कैंसर बेहद ही कम पाया जाता है। यह मुख्यतः 15 से 39 आयु के पुरुषों में होता है। (और पढ़ें - गुप्त रोगों का इलाज)

यौन क्रियाएं व लैंगिकता की शिक्षा - Sexual acts and sexuality in Hindi

  1. सेक्स क्या है?
    जैविक आधारों पर व्यक्ति की पहचान, जैसे- पुरुष व महिला होना, सेक्स है। इसके आलावा दो व्यक्ति के बीच होने वाले शारीरिक संबंधों को भी आम बोलचाल में सेक्स कहा जाता है। (और पढ़ें - सेक्स से जुड़े सच और झूठ) 
     
  2. सुरक्षित सेक्स क्या होता है?
    जब आप साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय सुरक्षा व बचाव के उपायों को अपनाते हैं, तो उसको सुरक्षित सेक्स कहा जाता है। कंडोम का प्रयोग, महिलाओं के प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए किए गए उपाय व यौन संचारित रोग व संक्रमण यानि एसटीडी व एसटीआई से बचने के लिए अपनाए गए उपायों को सुरक्षित सेक्स की श्रेणी में रखा जाता है।
     
  3. ओरल सेक्स क्या है?
    ओरल सेक्स में मुंह और जीभ के प्रयोग से साथी के प्रजनन अंग, संवेदनशील अंग और एनल को उत्तेजित किया जाता है। ओरल सेक्स, सामान्य सेक्स का ही एक प्रकार है।
     
  4. एनल सेक्स क्या है?
    एनल सेक्स में एक साथी अपने लिंग को दूसरे साथी के एनल यानि गुदा में प्रवेश कर सेक्स करता है।
     
  5. सेक्स तकनीक क्या है?
    सेक्स करने के लिए निश्चित तकनीक को अपनाया जाता है। सेक्स क्या है और किस प्रकार से आप सेक्स लाइफ को बेहतर और मजेदार बना सकते हैं, यह आप पर ही निर्भर करता है। सेक्स को करने से पहले आपको सेक्स के फायदे और नुकसान पता होने चाहिए। इसके अलावा आप सेक्स के दौरान किस करने के तरीके, इसमें लुब्रिकेशन का इस्तेमाल, फोरप्ले, सेक्स के लिए व्यायाम, सेक्स के लिए योग, हस्तमैथुन, कामेच्छा को बढ़ाने के उपाय व चरम सुख (ऑर्गेज्म) के लिए क्या करें, यह सभी ऐसे विषय हैं जिसकी बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए। (और पढ़ें - सेक्स करने का तरीका) 
     
  6. सहमति लेना बेहद जरूरी:
    आपको अपने साथी के साथ सेक्स करने पूर्व उसकी सहमति के बारे में भी जाना लेना चाहिए। अगर सामने वाले साथी की सहमति न हो, तो आप सेक्स न करें। यदि कभी साथी इस गतिविधि में शामिल होने के लिए हां नहीं कहता/ कहती तो आप इसका यह अनुमान कतई न लगाएं कि उनकी खामोशी ही हां है। वहीं जब आपका साथी इस बारे में मिली जुली प्रतिक्रिया दे तो आप उनसे दोबारा पूछ सकते हैं कि क्या वह सेक्स को करना चाहते हैं? सामने वाले की इच्छा जानना ही उनकी सहमति कहलाती है। (और पढ़ें - शादी की सही उम्र) 
     
  7. यौन उत्पीड़न:
    किसी भी महिला या पुरुष पर शारीरिक व मानसिक दबाव डालकर बनाए गए शारीरिक संबंधों को यौन उत्पीड़न की श्रेणी में रखा जाता है। किसी के साथ भी बल पूर्वक किया गया सेक्स यौन उत्पीड़न होता है। (और पढ़ें - सेक्स के दौरान की जाने वाली गलतियां) 
     
  8. यौन शोषण:
    किसी के भी साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध कुछ अश्लील बात कहना, बोलना, गलत तरह से छूना या फिर कोई गलत तरह का इशारा करना यौन शोषण माना जाता है।
     
  9. बलात्कार:
    बल पूर्वक किसी के भी साथ किया गया सेक्स, जिसमें योनि, एनल या ओरल सेक्स शामिल होता है उसको बलात्कार या रेप कहा जाता है। शरीर के किसी अंग या बाहरी वस्तु को किसी महिला के जननांगों या संवेदनशील अंगों में प्रवेश करना बलात्कार या रेप होता है। यह भारतीय दंड सहिंता के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध है। दोषी को कम से कम सात वर्ष से उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
     
  10. कौमार्य:
    किसी के भी साथ सेक्स क्रिया में कभी शामिल न होने की स्थिति को कौमार्य कहा जाता है। हर किसी के लिए कौमार्य का मतलब अलग-अलग हो सकता है। (और पढ़ें - शादी से पहले सेक्स) 
     
  11. सेक्स और संबंध:
    हर रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय करने होते हैं। इस उपाय के द्वारा ही सेक्सुअल जिंदगी को मधुर बनाया जा सकता है। इस टिप्स को जानकर आप सेक्स को बेहतर और मजेदार बना सकते हैं। (और पढ़ें - सेक्स टॉय) 
     
  12. सेक्स में आने वाली परेशानी: 
    सेक्स से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होती हैं। पुरुष के यौन रोग इसी परेशानी का ही रूप है। कई पुरुषों को स्वप्न दोष की भी समस्या होती है। वहीं महिलाओं की यौन समस्याएं भी उनके लिए परेशानी का बड़ा कारण होती हैं। इनके निश्चित समाधान व डॉक्टरी सलाह के बाद आप बेहतर सेक्सुअल जिदंगी जी सकते हैं। (और पढ़ें - सेक्स के दौरान पेट में ऐंठन)

सामाजिक सेक्स एजुकेशन - Samajik sex education in hindi

  1. आपका आकर्षण किसके प्रति है?
    इसमें व्यक्ति का आकर्षण किस लिंग के प्रति है, यह देखा जाता है। उसी के आधार पर समाज आपकी निम्नलिखित श्रेणियों में से कोई श्रेणी निर्धारित करता है। (और पढ़ें - योनि से रक्तस्राव के कारण) 
    • लेस्बियन (Lesbian): 
      एक ऐसी महिला जो अन्य महिला के साथ शारीरिक संबंध व भावनात्मक जुड़ाव व संबंध रखती है। (और पढ़ें - होमोसेक्सुअलिटी क्या है) 
       
    • गे (Gay): 
      जब एक पुरुष किसी अन्य पुरुष की ओर आकर्षित होकर उसके साथ शारीरिक संबंध रखता है तो उसको गे कहा जाता है। होमोसेक्सुअल पुरुष के लिए गे शब्द का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही होमोसेक्सुअल (समलैंगिक) शब्द लेस्बियन महिला के लिए भी प्रयोग होता है। (और पढ़ें - सुहागरात क्या है) 
       
    • द्विलिंगी (Bisexual/ बाईसेक्सुअल): 
      द्विलिंगी वह लोग होते हैं जो भावनात्मक व शारीरिक दोनों तरह से महिला व पुरुष दोनों के प्रति आकर्षित होते हैं। (और पढ़ें - नए रिश्ते को खुशहाल बनाने के टिप्स)
       
    • ट्रांसजेंडर (Transgender): 
      ट्रांसजेंडर उन लोगों को कहा जाता है जिनके शरीर के कुछ अंग महिलाओं की तरह, तो कुछ अंग पुरुषों की तरह होते हैं।
       
  2. लिंग के आधार पर पहचान: 
    किसी व्यक्ति के जैविक यौन अंग के आधार पर यह तय किया जाता है कि वह महिला है या पुरुष। इससे ही स्त्री व पुरुष के बीच में अंतर होता है। 
(और पढ़ें - सेक्स के बाद पुरुषों को नींद आने के कारण)

भारत में सेक्स एजुकेशन - Sex education in India in Hindi

भारत में सेक्स एजुकेशन के बारे में लोगों को जागरूक करने का कार्य सरकार और कुछ गैर लाभाकारी संस्थाएं कर रहीं है। भारत में यह कार्य निम्नलिखित तीन आधारों पर विभाजित किया गया है।
  1. स्कूलों में पढ़ने वाले किशोरों को इस बारे में जानकारी देना
  2. व्यस्कों को परिवार नियोजन के बारे में जागरूक करना (और पढ़ें - पहली बार सेक्स)
  3. एचआईवी-एड्स को रोकने के लिए जागरूकता।
(और पढ़ें - एचआईवी की जांच कैसे करें)
स्कूली बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन: 
भारत में आज भी कई स्कूलों में जाने वाले बच्चे अपने माता-पिता व शिक्षक से इस बारे में बात करने से झिझकते हैं। इतना ही नहीं वह टीवी व इंटरनेट से जो कुछ भी पढ़ते हैं, उसी को सच मान बैठते हैं, चाहे वह जानकारी ठीक हो या नहीं। इस कारण किशोरों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी हो जाती है।
(और पढ़ें - अनचाहा गर्भ रोकने का तरीका)
वयस्कों के लिए परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता अभियान: 
भारत में परिवार नियोजन जागरूकता अभियान के तहत कई कार्यक्रम चलाए जा रहें हैं। इसमें 'आशा' कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाता है और यह महिलाएं गांवों व मौहल्लों में परिवार नियोजन के बारे में लोगों को जागरुक करने का काम करती हैं।
(और पढ़ें - परिवार नियोजन के उपाय)
एचआईवी व एड्स की जानकारी: 
एचआईवी व एड्स के बारे में कई किशोरों को पूरी जानकारी नहीं होती है। जबकि किशोर लड़कियां आज भी किताबों, इंटरनेट व दोस्तों के द्वारा यौन संचारित रोग-एसटीडी के बारे में बात करके जानकारी प्राप्त करती है। किशोर लड़कियां इस बारे में अपने माता-पिता से बात करने में डरती हैं व झिझक महसूस करती हैं।
(और पढ़ें - पुरुष नसबंदी क्या है)

सेक्स एजुकेशन में परिवार का रोल - Family Role in Sex Education in Hindi

घर ही बच्चों की प्रथम पाठशाला होती है। इस वजह से सेक्स एजुकेशन की मूलभूत जानकारी बच्चों को घर से ही दी जानी चाहिए। आज भी भारतीय समाज के घरों में इस विषय पर बात करना अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन परिवार को इस विषय पर अपने बच्चों को शिक्षा देना बेहद ही जरूरी है। इसमें परिवार का अहम रोल होता है। अगर बच्चों को घर से ही इस बारे में मूलभूत जानकारी दी जाने लगे, तो बच्चा इस विषय को लेकर असमंजस की स्थिति में नहीं रहता है। इसके साथ ही वह इंटरनेट या दोस्तों से इस बारे में कुछ भी गलत जानकारी  को प्राप्त कर, उसको ही सच नहीं मान बैठता है।
इसके अलावा आप अपने बच्चों को कुछ ऐसे विशेष शिविर में भी भेज सकते हैं, जहां पर इस बारे में विस्तार से बताया जाता हो। इस तरह से बच्चे को सेक्स एजुकेशन की सही जानकारी मिल पाती है और बच्चा अधूरी जानकारी के अभाव में यौन संचारित रोगों की चपेट में आने से बच जाता है।

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Tuesday 28 January 2020

How To Make A Good Health In Hindi

अच्छी सेहत बनाने के लिए क्या करे ! 5 जरुरी टिप्स How To Make A Good Health In Hindi


इंडिया में एक Culture बहुत पहले से चला आ रहा है की खाओ पीओ और सेहतमंद दिखो. भले ही आपका पेट प्रेग्नेंट महिला की तरह दिखाई दे. इसे हमारे पुरानी सोच का नतीजा कहे या फिर अच्छी Knowledge का अभाव, जो भी हो पर इस धारणा ने कई लोगो को बीमार जरुर बना रखा है. लोग दूसरो को दिखाने के चक्कर में खुद का वजन बढ़ाते देते है जिससे वे काफी मोटे हो जाते है और फिर कहते है की हम सेहत वाले हो गये.
यह बात उनको सही लग सकती है पर है बिलकुल गलत. एक High Education Society में अगर ऐसे लोग खुद को Healthy बोलेंगे तो उन्हें हर कोई बेवकूफ ही बोलेगा. अच्छी सेहत का मतलब होता है की आप Physicaly And Mentaly पूरी तरह से फिट और एक्टिव हो. जब भी आपको अपनी बॉडी की जरूरत हो वह उस काम को करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो.
तो आपका लक्ष्य भी ऐसी सेहत पाने का होना चाहिए जो आपका हर समय साथ दे. न की उन लोगो की तरह बन जाना जो बाहर से तो खाए पिए घर के लगते है लेकिन 100 मीटर पैदल चलने से भी डरते है. ऐसे लोगो के माइंड में यह गलत भ्रम है जो उन्होंने पाल रखा है. आप ऐसी गलती न करे और खुद को Real Fit Or Active बनाये.





अच्छी सेहत बनाने के लिए क्या करे ! 5 जरुरी टिप्स How To Make A Good Health In Hindi


इंडिया में एक Culture बहुत पहले से चला आ रहा है की खाओ पीओ और सेहतमंद दिखो. भले ही आपका पेट प्रेग्नेंट महिला की तरह दिखाई दे. इसे हमारे पुरानी सोच का नतीजा कहे या फिर अच्छी Knowledge का अभाव, जो भी हो पर इस धारणा ने कई लोगो को बीमार जरुर बना रखा है. लोग दूसरो को दिखाने के चक्कर में खुद का वजन बढ़ाते देते है जिससे वे काफी मोटे हो जाते है और फिर कहते है की हम सेहत वाले हो गये.
यह बात उनको सही लग सकती है पर है बिलकुल गलत. एक High Education Society में अगर ऐसे लोग खुद को Healthy बोलेंगे तो उन्हें हर कोई बेवकूफ ही बोलेगा. अच्छी सेहत का मतलब होता है की आप Physicaly And Mentaly पूरी तरह से फिट और एक्टिव हो. जब भी आपको अपनी बॉडी की जरूरत हो वह उस काम को करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो.
तो आपका लक्ष्य भी ऐसी सेहत पाने का होना चाहिए जो आपका हर समय साथ दे. न की उन लोगो की तरह बन जाना जो बाहर से तो खाए पिए घर के लगते है लेकिन 100 मीटर पैदल चलने से भी डरते है. ऐसे लोगो के माइंड में यह गलत भ्रम है जो उन्होंने पाल रखा है. आप ऐसी गलती न करे और खुद को Real Fit Or Active बनाये.

कैसे आप खुद को फिट रखोगे और हमेशा सेहतमंद दिखोगे. यहाँ कुछ टिप्स है इन्हें फॉलो करे और 



जिम जाए (Jim Jaye) :

आज जिम जाना बहुत ही कॉमन सी चीज है जो हर कोई कर सकता है. जिम अधिकतर मोटे लोग पतले 

होने के लिए और पतले लोग मोटे होने के लिए जाते है. लेकिन आपका लक्ष्य जिम जाना मतलब खुद 

को फिट रखने के लिए होना चाहिए. खुद को फिट और एक्टिव रखने के लिए आप जिम जाए. वहां वह
एक्सरसाइज करे जो आपकी बॉडी मांगती है.अगर आपका वेट अच्छा है तो ऐसी एक्सरसाइज करे जो 
आपके मसल्स को बढाए जिससे आपकी एनर्जी बहुत तेजी से बढे. वही Low Weight है तो Weight Gain 
करने वाले स्टेप ले. जिम करने से कभी भी एक जैसे परिणाम नहीं आते बल्कि कभी बढ़िया तो कभी 
Normal Result मिलते है. बस आपको लगातार जिम जाना है. शार्टकट की तलाश में न रहे. रिजल्ट 
मिलने में टाइम लगता है लेकिन यह आपको हेल्थी रखने में काम करेगा.

2. न्यूट्रीशन का नॉलेज रखे (Nutrionas Knoledge Rakhe) :
हमारे सोसाइटी में आज पढ़े – लिखे लोगो की कमी नही है लेकिन प्रॉपर न्यूट्रीशन का नॉलेज बहुत कम लोगो को है. यही सबसे बड़ी नॉलेज होती है, जो लोग जानते ही नहीं. हमारे बुजुर्ग जाने अनजाने इन चीजो को जानते थे और वह अपने खानपान में इसे शामिल करते थे जिससे उनकी हेल्थ काफी बढ़िया रहती थी. लेकिन आज की लाइफस्टाइल में लोग यह knowledge रखते ही नहीं है.
प्रॉपर न्यूट्रीशन का नॉलेज होना आपको Health According काफी Rich person बनाता है. आप भले ही देश – दुनिया की बाते ना जाने लेकिन अपने हेल्थ और खानपान का ज्ञान जरुर रखे. बाहर का जो फ़ास्ट फ़ूड होता है उसमे अधिक मात्रा में fat होता है जो आपकी बॉडी के लिए ठीक नहीं होता. अपनी बॉडी को protin, carbs, fat, minrals or fibers सभी चीजो का फ़ूड दे. जिससे आपकी बॉडी को वह नॉलेज मिल सके जो आपको जरूरत हो. इसलिए अपनी न्यूट्रीशन नॉलेज बढ़ाना शुरू करे और एक्ट करे.

How To Make A Good Health In Hindi ! 5 Easy Tips

3. अपनी बॉडी के हिसाब से खाए (Body Ke Hisab Se Khaye) :
जब लोग बीमार होते है उसमे अधिकतर लोगो का बीमार होने का कारण गलत खानपान होता है. आप बीमार इसलिए हुए क्योंकि आपने कुछ ऐसा खा लिया जो आपकी बॉडी के लिए सही नहीं है. अगर आप अपनी बॉडी के हिसाब से कुछ भी खाते हो तो आप कभी भी बीमार नहीं पड़ सकते. बीमार होने का कारण गलत खानपान होता है.
जरूरी नहीं की जो खाना आपके दोस्त को पसंद है वह आपकी बॉडी भी सूट करे. हर किसी की बॉडी एक दुसरे से Diffarent होती है. अपने खाने – पीने का आपको ध्यान रखना चाहिए. जो भी चीज खाने से आपको प्रोब्लम होती है या बुरा इफ़ेक्ट आपकी बॉडी को होता है उसे कभी न खाए. उसकी जगह पर कुछ ऐसी चीज खा ले जिसे खाने से आपकी बॉडी अच्छा Response करती है.
4. मानसिक तौर पर मजबूत बने (Menatly Strong Rahe :
जिस तरह से हम अपनी बॉडी का ख्याल रखते है वही ख्याल हमें अपने Mind का भी रखना चाहिए. हमारी body और mind दोनों एक दुसरे से जुड़े हुए है. अगर आप मेंटली फिट नही है तो आप फिजिकली भी कमजोर हो जाओगे. उस इन्सान को आपने देखा ही होगा जो मन से हार जाता है और फिर कुछ भी नहीं कर पाता.
मानसिक तौर पर फिट रहना आपको उत्साह और नयी ऊर्जा देता है, जो आपके किसी भी काम को तुरंत करने के लिए बहुत जरुरी है. अगर आप मेंटली फिट है तो आप किसी काम को बहुत जल्दी कर देंगे वही फिट न होने से आप उसी काम को दोगुने टाइम में करोगे. मेंटली फिट रहने के लिए हर प्रॉब्लम को समझे, खुद से बात करे और खुद का ज्ञान बढाये.
5. पाचन तन्त्र को ठीक करे (Paachan Tantr Ko Thik Rakhe) :
मैं अपनी हेल्थ से रिलेटेड हर आर्टिकल में पाचन तन्त्र का जिक्र कर ही लेता हूँ, यह इसलिए क्योंकि Digestive System हमारे शरीर का सबसे Important Part है. यह अगर ठीक ढंग से काम कर रहा है तो आप जो भी खाओगे वह आपके शरीर मे लगेगा. वही कमजोर Digestive System आपके अच्छे खाने को भी पचा नहीं पायेगा, जिसका नतीजा होगा की आप खुद में कमजोरी फील करोगे.
हमारे शरीर में अधिकतर बीमारी हमेशा पेट के गड़बड़ होने से शुरू होती है. इसलिए पेट का ठीक होना बहुत जरूरी हो जाता है. इसलिए हमेशा अपने Digestive System को अपडेट करते रहे की यह कैसा काम कर रहा है. आपका पाचन ठीक होगा तो सेहत अपने आप बेहतर होती जायेगी.
So Guys, यह पोस्ट था की अच्छी सेहत बनाने के लिए क्या करे. इस लेख में मैंने बहुत ही सिंपल तरीके आपको बताये है जो आपको हमेशा सेहतमंद रखने में मददगार होंगे. ये टिप्स इतने सरल है की आप इन्हें बड़ी आसानी से फॉलो कर सकते है. इस लेख को पढने के बाद भी कई लोग इसे इग्नोर कर लेंगे. ऐसे लोगो को मैं यही कहूँगा की अगर आप अभी भी अपने हेल्थ के लिए अवेयर नहीं हुए तो एक टाइम आएगा जब आपकी हेल्थ आपके हाथ से निकल जायेगी.
तो देर न करे और अपने Daily Routine में इन्हें शामिल करना शुरू कर दे. जरुरी नहीं की आप पांचो टिप्स एक साथ शुरू करे. आप भले ही एक टिप्स को फॉलो करे पर उसे बड़े determinate होकर पूरा करे. आपको उसका रिजल्ट Better ही मिलेगा.

For any query please contact :-